गुरुवार, 11 मार्च 2010

मुलाकात

रिस्क तो लेना पड़ती है : आदित्य नारायण
आदित्य नारायण को हम काफी लंबे समय से देखते आ रहे हैं। फिल्म ‘परदेस’ में वे बाल कलाकार के रूप में नजर आए थे। फिर वह काफी समय तक कई स्टेज शो में अपने माता-पिता दीपा नारायण व उदित नारायण के साथ स्टेज पर गाना गाते और कई पुरस्कार समारोहों में अपने पिता उदित नारायण के नाम की ट्रॉफी स्वीकार करते नजर आए। अब आदित्य नारायण की स्वयं की एक पहचान बन चुकी है। आदित्य ने रियलिटी शो सारेगामापा की एंकरिग की और सर्वश्रेष्ठ एंकर के कई पुरस्कार हासिल किए। फिल्मों में अभिनय करने की बात भी उन्होंने कई बार कही और अब उनकी पहली फिल्म ‘शापित’ प्रदर्शन के लिए तैयार है। पेश है आदित्य से बातचीत :

विक्रम भट्ट की ‘शापित’ में काम करने का अवसर कैसे मिला?
जब मैं जीटीवी पर सारेगामापा के तीसरे सीजन की एंकरिग कर रहा था, तभी इस शो में मुझे विक्रम भट्ट जी ने देखा और फोन करके मिलने के लिए बुलाया। उन्होंने कहा कि मैं उनकी फिल्म ‘शापित’ में अभिनय करूँ। उन्होंने स्क्रिप्ट पढ़ने को दी, जो मुझे अच्छी लगी। मैंने इस फिल्म को लेकर अपने माता पिता से राय ली। सभी को लगा कि मौका अच्छा है और मैंने फिल्म साइन कर ली।
ज्यादातर कलाकार अपना करियर लव स्टोरी से शुरू करते हैं। आपने हॉरर फिल्म को क्यों चुना?
सच कहूँ तो जब मैने अभिनय के क्षेत्र में उतरने का मन बनाया था, तभी सोच लिया था कि मुझे अपने करियर की शुरुआत टीनएज लव स्टोरी वाली फिल्म से नहीं करना है। इन फिल्मों की कहानी घिसी-पिटी होती है। मैं कुछ ऐसा करना चाह रहा था, जिससे मेरे अंदर की प्रतिभा को निखरने का अवसर मिल सके। मैंने यह नहीं सोचा था कि हॉरर फिल्म से ही शुरुआत करूँगा। ‘शापित’ की स्क्रिप्ट मुझे पसंद आई इसलिए मैंने इसमें काम करना स्वीकार किया।
क्या हॉरर फिल्म से अपना अभिनय का सफर शुरू कर आप रिस्क तो नहीं ले रहे हैं?कुछ अच्छा पाने के लिए रिस्क तो उठानी ही पड़ेगी। तैरना सीखने के लिए पानी में कूदना ही पड़ेगा। अब दर्शकों की सोच भी बदल चुकी है। मुझे पूरा भरोसा हैं कि दर्शक ‘शापित’ को पसंद करेंगे।
आपके रोल के बारे में बताएँगे।
इस फिल्म में मैंने एक आम लड़के अमन का किरदार निभाया है, जिसके लिए अपना प्यार ही सर्वोपरि है। वह काया से शादी करने के साथ ही आजीवन उसी के साथ रहना चाहता है। जब काया से वह सगाई करता है, तो पता चलता है कि एक श्राप के कारण एक भूत उसे खत्म कर देना चाहता है। इसके बाद क्या होता है इसके लिए आपको फिल्म देखना पड़ेगी। मैं इतना जरूर कहूँगा कि यह बेहद डरावनी फिल्म है।
विक्रम भट्ट के बारे में क्या कहेंगे?विक्रम कमाल के निर्देशक हैं। उन्होनें कई बडे़-बडे़ कलाकारों के अलावा नए कलाकारों के साथ भी काम किया है। वे सीन को खुद अभिनीत करके बताते हैं। उनसे मुझे बहुत सीखने को मिला।
कहा जा रहा है कि फिल्म की नायिका श्वेता अग्रवाल के साथ आपका रोमांस चल रहा है?
ये सब बकवास है।
किस तरह की फिल्में और किस तरह के रोल करना चाहते हैं?मैं तो अच्छी फिल्में करना चाहता हूँ।

तीस मार खाँ में सब कुछ है : फरहा खान
पिछले दो दशक से 80 से अधिक फिल्मों में अपने डांस का जलवा बिखेरने के बाद कोरियोग्राफर फरहा खान कुछ वर्षों से फिल्मों का निर्देशन भी कर रही हैं। कोरियोग्राफर के रूप में सभी की पहली चाहत बन चुकी फरहा ने जब फिल्म का निर्देशन करना चाहा तो वहाँ भी सुपरहिट रहीं। मैं हूँ ना और ओम शांति ओम की सफलता के बाद फरहा अब फिल्म तीस मार खाँ का निर्देशन कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि इस फिल्म की कहानी फरहा के पति शिरीष कुंदर ने लिखी है। इसके अलावा इस फिल्म की खास बात यह है कि पहली बार फरहा ने अपनी होम प्रोडक्शन की फिल्म में शाहरुख खान की जगह अभिनेता अक्षय कुमार को बतौर अभिनेता लिया है। हाल ही में इस फिल्म और उनकी निजी जिंदगी को लेकर फरहा से बातचीत की साक्षी त्रिपाठी ने, पेश है उसके मुख्य अंश-

प्यार आपके लिए क्या मायने रखता है?
प्यार से जुड़ा हर पल और हर दिन मेरे लिए बहुत ही खास होता है। दरअसल मैं एक ऐसी इंडस्ट्री से ताल्लुक रखती हूँ जहाँ केवल प्यार ही है। हम दूसरों को भी अपनी फिल्मों के माध्यम से प्यार करना ही सिखाते हैं। हमारी फिल्मों में प्यार का हर रूप मौजूद रहता है। इसलिए यह शब्द मेरे लिए बहुत ही खास है क्योंकि मैं तो इसे मानती हूँ और चाहती हूँ कि दुनिया में सभी लोग एक-दूसरे से प्यार करें।
आपकी आने वाली फिल्म तीस मार खाँ के बारे में कुछ बताइए?
यह फिल्म मेरी तरह की है। आप इसे मैं हूँ ना से जोड़ कर देख सकते हैं। जिसमें कॉमेडी, एक्शन, रोमांच वो सब कुछ है जो दर्शक मेरी फिल्म से चाहते हैं। दरअसल मैं इस फिल्म से एक ऐसे किरदार को गढ़ रही हूं जो विदेशी फिल्मों की तरह होगा और इसके कई पार्ट बनेंगे। जिस प्रकार पेंथर, जेम्स बॉन्ड आदि के सीरीज बने हुए हैं वैसे ही इस फिल्म के किरदार के भी सीरीज बनेंगे।
तो क्या यह जेम्स बॉन्ड की तरह होगा?
नहीं। जेम्स बॉन्ड तो जासूस था। मेरा किरदार उससे अलग है आप उसे कॉमिक जेम्स बॉन्ड कह सकते। हमने इसे रोल मॉडल नहीं बनाया है। यह अमीरों से तो पैसे लूटता है लेकिन गरीबों में बाँटता नहीं है।

आपकी इस फिल्म में शाहरुख नहीं हैं। इसकी क्या वजह है और इससे आप दोनों के रिश्ते पर क्या फर्क पड़ेगा?
शिरीष ने कहानी अक्षय को ही ध्यान में रखकर लिखी थी और फिल्म भी उसी की है इसलिए कलाकार भी उसी की पसंद के हैं। जहाँ तक शाहरुख से मेरे रिश्ते की बात है तो हम दोनों आज भी बहुत अच्छे दोस्त हैं और इस बात से हमारी दोस्ती में कोई फर्क नहीं आने वाला है। बतौर प्रोडक्शन मुझे या उसे जब भी एक-दूसरे की मदद की जरूरत होती है हम हमेशा एक साथ होते हैं। हम अपनी फिल्मों से संबंधित बातें भी एक-दूसरे से शेयर करते रहते हैं।

कैटरीना को फिल्म में लेने की क्या वजह थी, उनका किरदार कैसा है ?
कैटरीना का फिल्म में इंडियन सेक्सी लुक है। दरअसल कैट ने कहीं पढ़ा था कि मैं अपनी फिल्म के लिए कैट जैसी कोई नई लड़की की तलाश कर रही हूँ। तो एक पार्टी में कैट ने मुझसे कहा कि मेरी जैसी क्यों, मैं क्यों नहीं और फिर कैट मेरी फिल्म का हिस्सा बन गई। कैट का भी कॉमिक किरदार है जो आइटमगर्ल बनना चाहती है।

शिरीष आपके पति हैं और इस फिल्म के लेखक भी। ऐसे में उनका कितना हस्तक्षेप होगा?
मेरे और शिरीष के बीच पहले ही तय हो गया है कि वो मेरे काम में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। मैंने पहले ही कह दिया था कि अच्छे तरह से सोच लो क्योंकि मुझे मेरे काम में किसी का हस्तक्षेप नहीं चाहिए। उन्होंने मुझसे कहा कि तुम ही करो। अब फिल्म के दौरान हमारे बीच झगड़े होते हैं या फिल्म कैसे बनती है यह तो बनने के बाद ही पता चलेगा लेकिन शिरीष का कहना था कि निर्देशन मैं ही करूँ।

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