मंगलवार, 9 मार्च 2010

पर्यटन

सतपुड़ा की रानी : पचमढ़ी

म.प्र. के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी 1067 मीटर ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ का तापमान सर्दियों में 4.5 डिग्री से. तथा गर्मियों में अधिकतम 35 डिग्री से. होता है। यह मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है। यहाँ की विशेषता है कि आप यहाँ वर्ष भर किसी भी मौसम में जा सकते हैं।
सतपुड़ा श्रेणियों के बीच स्थित होने के कारण और अपने सुंदर स्थलों के कारण इसे सतपुडा की रानी भी कहा जाता है। यहाँ घने जंगल, मदमाते जलप्रपात और पवित्र निर्मल तालाब हैं।
यहाँ की गुफाएँ पुरातात्विक महत्व की हैं क्योंकि यहाँ गुफाओं में शैलचित्र भी मिले हैं। यहाँ की प्राकृतिक संपदा को पचमढ़ी राष्ट्रीय उद्यान के रूप में संजोया गया है। यहाँ गौर, तेंदुआ, भालू, भैंसा तथा अन्य जंगली जानवर सहज ही देखने को मिल जाते हैं। इस क्षेत्र में घूमने के लिए आप पचमढ़ी से जीप या स्कूटर ले सकते हैं।

जटाशंकर
यह एक पवित्र गुफा है जो पचमढ़ी कस्बे से 1.5 किमी. दूरी पर है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको कुछ दूर तक पैदल चलने का आनंद उठाना पड़ेगा। मंदिर में शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बना हुआ है। यहाँ एक ही चट्टान पर बनी हनुमानजी की मूर्ति भी एक मंदिर में स्थित है। पास ही में हार्पर की गुफा भी है।

पांडव गुफा
महाभारत काल की मानी जाने वाली पाँच गुफाएँ यहाँ हैं जिनमें 'द्रौपदी कोठरी' और 'भीम कोठरी' प्रमुख हैं। पुरातत्वविद मानते हैं कि ये गुफाएँ गुप्तकाल की हैं जिन्हें बौद्ध भिक्षुओं ने बनवाया था।

अप्सरा विहार
पांडव गुफाओं से आगे चलने पर 30 फीट गहरा एक ताल है जिसमें नहाने और तैरने का आनंद लिया जा सकता है। इसमें एक झरना आकर गिरता है।

रजत प्रपात
यह अप्सरा विहार से आधा किमी. की दूरी पर स्थित है। 350 फुट की ऊँचाई से गिरता इसका जल इसका जल एकदम दूधिया चाँदी की तरह दिखाई पड़ता है।

राजेंद्र गिरि
इस पहाड़ी का नाम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रखा गया है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद यहाँ आकर रुके थे। उनके लिए यहाँ रविशंकर भवन बनवाया गया था। इस भवन के चारों ओर प्रकृति की असीम सुंदरता बिखरी पड़ी है।

हांडी खोह
यह खाई पचमढ़ी की सबसे गहरी खाई है जो 300 फीट गहरी है। यह घने जंगलों से ढँकी है और यहाँ कल-कल बहते पानी की आवाज सुनना बहुत ही सुकूनदायक लगता है। वनों के घनेपन के कारण जल दिखाई नहीं देता। पौराणिक संदर्भ कहते हैं कि भगवान शिव ने यहाँ एक बड़े राक्षस रूपी सर्प को चट्टान के नीचे दबाकर रखा था। स्थानीय लोग इसे अंधी खोह भी कहते हैं जो अपने नाम को सार्थक करती है। यहाँ बने रेलिंग प्लेटफार्म पर से आप घाटी का नजारा ले सकते हैं।

प्रियदर्शिनी प्‍वाइंट
इस बिंदु पर से सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही लुभावना लगता है। तीन पहाड़ी शिखर बायीं तरफ चौरादेव, बीच में महादेव तथा दायीं ओर धूपगढ़ दिखाई देते हैं। धूपगढ़ यहाँ की सबसे ऊँची चोटी है।

बी फॉल
यह जमुना प्रपात के नाम से भी जाना जाता है। यह नगर से 3 किमी. की दूरी पर स्थित है। मित्रों व रिश्तेदारों के साथ पिकनिक मनाने के लिए यह एक आदर्श जगह है।
अन्‍य आकर्षण
यहाँ महादेव, चौरागढ़ का मंदिर, रीछागढ़, डोरोथी डीप रॉक शेल्टर, जलावतरण, सुंदर कुंड, इरन ताल, धूपगढ़, सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान 1981 में बनाया गया जिसका क्षेत्रफल 524 वर्ग किमी. है। यह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहाँ दिन या रात में रुकने के लिए आपको उद्यान के निदेशक से अनुमति लेना पड़ती है। इसके अलावा यहाँ कैथोलिक चर्च और क्राइस्ट चर्च भी हैं।

कहाँ ठहरें
पचमढ़ी में बहुत से वातानुकूलित सर्वसुविधायुक्त होटल्स हैं। जहाँ आप आराम से शाही ठाठ के साथ रुक सकते हैं।
कैसे जाएँ

हवाई मार्ग
भोपाल सबसे निकट का हवाई अड्डा है। जो दिल्ली, ग्वालियर, इंदौर, मुंबई, रायपुर और जबलपुर से जुड़ा है।
रेलमार्ग
मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर इटारसी होते हुए पिपरिया स्टेशन सबसे करीब है।
सड़क मार्ग
नियमित बस सेवा से पचमढ़ी भोपाल, इंदौर, नागपुर, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा तथा पिपरिया से सीधा जुड़ा है। पिपरिया से टैक्सी उपलब्ध हैं।

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