रविवार, 9 मई 2010

मुलाकात

अभी तो शुरुआत हुई है : प्रियंका कोठारी


प्रियंका कोठारी ने बॉलीवुड में प्रवेश करते समय अपना फिल्मी नाम निशा कोठारी कर लिया था। बॉलीवुड में लोगों ने निशा को काफी तवज्जो भी दी लेकिन बाद में विशेषकर "रामू की शोले" जब बॉक्स ऑफिस पर धराशायी हो गई तो उन्होंने फिर से अपना नाम प्रियंका कोठारी रख लिया। हाल ही निशा यानी प्रियंका रामगोपाल वर्मा द्वारा बनाई जा रही फिल्म "अज्ञात" की शूटिंग करके श्रीलंका से लौटी हैं। इस फिल्म को लेकर वे बहुत उत्साहित भी हैं। उनका कहना है कि मैं अपने काम में विश्वास करती हूँ, फिल्मों की संख्या पर नहीं। पेश है प्रियंका कोठारी से बातचीत :

करियर कैसा चल रहा है?
बहुत ही अच्छा चल रहा है। मैंने जबसे इस क्षेत्र में कदम रखा है तब से घर पर खाली नहीं बैठी हूँ। अपने करियर से मैं पूरी तरह संतुष्ट हूँ। अभी मैं तेलुगु के हीरो नितिन के साथ फिल्म ‘अज्ञात’ की शूटिंग करके श्रीलंका से वापस आई हूँ।

"अज्ञात" में किस तरह का किरदार है?इसमें मेरा रोल एक फिल्म एक्ट्रेस का है, जो एक जंगल में अपनी नई फिल्म की शूटिंग के लिए पूरे यूनिट के साथ जाती है। वहाँ पर कुछ अप्रत्याशित घटनाएँ घटती हैं, इसी पर फिल्म केंद्रित है। इस फिल्म के बारे में ज्यादा नहीं बता सकती। वैसे यह फिल्म मेरे करियर के लिए बहुत अहम होगी।

शूटिंग का अनुभव कैसा रहा?
हमने श्रीलंका के सबसे भयावह जंगल में 40 दिनों से ज्यादा समय गुजारा। वहाँ हर दिन रोमांच से भरा हुआ था। यहाँ तक कि मेरे होटल के कमरे में भी ढेर सारी छिपकलियाँ होती थीं और मैं चादर से मुँह ढँक कर सोती थी। जंगल में जहरीले साँपों की भरमार थी। मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने जू में लाकर रख दिया हो। 40 दिनों तक एकदम रफटफ जिंदगी रही।

आप इन दिनों योगा कर रही हैं?
मैं बचपन से ही फिटनेस कान्शेस रही हूँ। दिल्ली में डैड सुबह 6 बजे उठा देते थे योगा के लिए और आज भी दिल्ली जाती हूँ तो डैड वही करते हैं। योगा से जो सबसे बड़ा फायदा होता है वह यह कि आपका शरीर लचीला हो जाता है। आप मन से अपने आपको तरोताजा महसूस करते हैं और जब मन को संतुष्टि मिलती है तो आपके मन में अच्छे विचार भी आते हैं। लेकिन मैं शौकिया तौर पर योगा या जीरो बॉडी नहीं बनाना चाहती न ही उसकी पक्षधर हूँ। आपका फिगर आपकी फिल्म में आपके किरदार पर निर्भर करता है। यदि केरेक्टर की माँग है कि आप परदे पर छरहरी नजर आएँ तो उस हिसाब से बॉडी बनानी पड़ती है।

जिंदगी की सबसे बड़ी कामयाबी आप किसे मानती हैं?
जिंदगी का कोई पता नहीं होता कि कल क्या होगा लेकिन जिंदगी है तो उसे सही ढंग से आगे बढ़ाया जाए। तब हर कदम पर कामयाबी है। अभी तो अच्छी तरह साँस ले रही हूँ लेकिन मैं अपने इन्द्रियों पर नियंत्रण करने को सबसे बड़ी कामयाबी मानती हूँ।
सबसे बड़ी नाकामयाबी?
मन से हार जाने को मैं सबसे बड़ी नाकामयाबी मानती हूँ। साथ ही अपने बारे में, अपने काम के बारे में निगेटिव सोच नहीं लाना चाहिए।
आपने अभी लोकसभा चुनाव में प्रचार भी किया, आगे क्या राजनीति में आने का इरादा है?
राँची में बाबूलाल मरांडी के लिए और नोएडा में बसपा के सुरेन्द्र के लिए चुनाव प्रचार किया। लेकिन राजनीति में आने का फिलहाल इरादा नहीं है। फिल्मों में राजनीतिज्ञ का किरदार जरूर निभाना चाहूँगी। ठीक वैसा ही किरदार जैसा फिल्म "आँधी" में सुचित्रा सेन ने निभाया था।

शादी के बारे में कोई योजना?
हिन्दुस्तानी हूँ इसलिए विवाह में पूरा यकीन रखती हूँ। पर फिलहाल शादी का इरादा नहीं है। अभी बहुत काम करना है कि अभी तो करियर की शुरुआत हुई है।

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