गुरुवार, 21 जनवरी 2010

ख़ास खबर

कभी देखा है सफेद हिरन रोम। सफेद बाघ और सफेद भालू के बारे में तो आपने सुना ही होगा लेकिन क्या आपने कभी सफेद हिरन देखा है। अगर नहीं तो इसके लिए आपको इटली के जंगलों में जाना होगा।

इटली की डोलोमाइट क्षेत्र की पर्वत श्रृंखलाओं के जंगलों में सफेद हिरन पाया गया है। हिरन का ये छोटा-सा बच्चा अपनी मां के साथ जंगलों में देखा गया। मजे की बात यह है कि इसके मां-बाप में से कोई भी सफेद नहीं है। उनका रंग एक सामान्य हिरन की तरह हल्का पीला है।

विशेषज्ञों की मानें तो इस हिरन को एलबिनिस्म नाम की बीमारी है। इस बीमारी में शरीर में पाया जाने वाला आवश्यक तत्व मेलानिन न के बराबर होता है। जिसमें पूरा शरीर सफेद होता है। ये बीमारी मनुष्यों में काफी आम है। इसमें शरीर के लिए सूर्य की रोशनी नुकसानदायक होती है।

ब्रिटेन के फोटोग्राफर ने इस नन्हे सफेद हिरन की अठखेलियों को अपने कैमरे में कैद किया। इटली के वन अधिकारियों ने इस हिरन को जंगलों से हटाकर सरकारी संरक्षण में रखने का आदेश दिया है। क्योंकि उन्हें डर है कि जंगल में कहीं ये दुर्लभ हिरन शिकारियों का शिकार न बन जाए। उसके साथ उसकी मां को भी सरकारी संरक्षण में रखा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि वे नहीं चाहते कि इस हिरन का हाल भी हालीवुड की चर्चित फिल्म बांबी के हिरन जैसा हो जिसमें हिरन के छोटे से बच्चे को उसकी मां से जुदा कर दिया गया था, उसके बाद उसकी मां को शिकारियों ने अपना निशाना बना लिया था।

स्थानीय पुलिस अधिकारी जिमारिया सोमाविला ने बताया, यह बहुत ही दुर्लभ प्रजाति है। आखिरी बार कई दशकों पहले सफेद हिरन देखा गया था।

अब बिस्तर भी गर्म परोस रहा होटल!
ब्रिटेन। अभी तक तो होटल ताजा और गर्म भोजन परोसने के दावे करके ग्राहकों को लुभाते थे, परंतु ब्रिटेन की एक होटल चेन ने अपने यहां ठहरने वालों को गर्म बिस्तर की सुविधा भी पेश की है। इस होटल ने अपने यहां बेड वार्मर नियुक्त किए हैं। जो कमरे में ठहरने वाले व्यक्ति के सोने से पहले उसके बिस्तर में जाकर लेटेंगे और बिस्तर को गर्म करेंगे।

यह पढ़कर आपको अजीब लगा होगा कि किसी अनजान व्यक्ति के लेटने के बाद आप उस बिस्तर में कैसे सो पाएंगे। परंतु चिंता न करें। बिस्तर की ठंडक सोख लेने वाले ये बैड वार्मर एकदम साफ सुथरे और सभ्य होंगे। होटल यह सेवा जनवरी के अंत से शुरू करने जा रहा है।

बताया गया है कि ये कर्मचारी हर वक्त स्लीपर सूट पहनकर सेवा में हाजिर रहेंगे। जैसे ही किसी मेहमान को कमरे में सोने के लिए जाना होगा, उससे पहले ये बैड वार्मर 5 से 15 मिनट में बिस्तर को गरम कर देगा। ब्रिटेन में एडिनबर्ग स्लीप सेंटर के निदेशक क्रिस इजीकोस्की के अनुसार, लोगों को बेहतर नींद देने के लिए यह नया तरीका ईजाद किया गया है।

उन्होंने कहा, इस बात के वैज्ञानिक सबूत हैं कि जब हम रात को सोते हैं, तो शरीर का तापमान धीरे-धीरे गिरने लगता है क्योंकि शरीर के खुले भागों जैसे हाथ, चेहरा, पैरों के तलवे से शरीर की ऊष्मा निकलती है।

क्रिस का कहना है कि 20 से 24 डिग्री सेल्सियस तापमान वाला गरम बिस्तर सोने के लिए एकदम ठीक है। ब्रिटेन में शरीर को जमा देने वाली ठंड के लिए इसे उपयुक्त बताया गया है। होटल के प्रवक्ता का कहना है, बिस्तर को गरम करने का यह तरीका एक विशाल गरम पानी की बोतल को बिस्तर के अंदर रखने जैसा है। जनवरी के अंत तक लंदन और मेनचेस्टर में इसकी शुरुआत हो जाएगी।

ये आंखें डराने के लिए हैं लंदन। हालीवुड फिल्मों की तरह उनके दर्शक भी कुछ न कुछ नया और क्रिएटिव करने की जुगत में लगे रहते हैं। हारर फिल्मों के शौकीन ऐसे ही एक दर्शक ने आंखों को डरावना रूप देने के लिए लेंसों पर कारीगरी की है। जिन्हें देखने भर से ही दिल दहल जाए।

जी हां, केविन कार्टर नाम के शख्स ने आंखों पर लगाए जाने वाले लेंसों पर महीन कारीगरी करके डरा देने वाले डिजायन बनाए हैं। इन लैंसों की कीमत करीब 500 पौंड [करीब 38 हजार रुपये] है। उन्हें प्रत्येक लेंस पर रंगीन करीगरी में करीब दो दिन का समय लगा।

उन्होंने महीन ब्रश की मदद से इन लेंसों पर तमाम तरह की डिजायनें बनाई हैं। इसमें प्रयोग किए जाने वाले रंगों को भी जांच के बाद इस्तेमाल किया गया है। ये रंग आंखों को नुकसान पहुंचाए बिना उन्हें डरावने रूप देंगे। इनमें से एक लेंस के ऊपर व्हेल के पैने दांतों का नमूना पेश किया गया है तो दूसरे के ऊपर राक्षस की लाल आंखों जैसी डिजायन बनाई गई है। इनमें सबसे महंगा लेंस वो है जिसको लगाने के बाद आंखों का रंग नीले से भूरे में बदलता दिखाई देता है।

कार्टर कभी फिल्मों के मेकअप आर्टिस्ट बनना चाहते थे लेकिन ये हो न सका और उन्होंने अपने पिता के लेंसों के धंधे को ही आगे बढ़ाया और वो इसी दिशा में कुछ न कुछ नया करते रहते हैं। कार्टर ने उनके लेंस खरीदने वाले ग्राहकों को निर्देश दिए हैं कि लेंस खरीदने से पहले डाक्टर की सलाह अवश्य लें। ये लेंस देखने में भले डरावने लगें, मगर इस्तेमाल में सुविधाजनक हैं।


यह बल्ब जल रहा है 109 साल से
लंदन। कोई बल्ब कितने दिन तक जल सकता है? अधिकतम तीन-चार साल। ठीक से रखरखाव करने पर यह समय सीमा कुछ समय और बढ़ सकती है। लेकिन कैलिफोर्निया के लिवरमोर के एक अग्निशमन स्टेशन में एक बल्ब पिछले 109 साल से लगातार रोशनी दे रहा है।

सेंटेनियल लाइट के नाम से जाना जाने वाले इस बल्ब को 1901 में लगाया गया था। सबसे ज्यादा दिनों तक जलने वाला बल्ब गिनीज बुक व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में दर्ज हो चुका है।

इस बल्ब की अपनी एक बेवसाइट भी है जिसमें उसके हजारों चाहने वाले लोगों के नाम दर्ज है। हजारों किमी लोग दूर से लोग इस नन्हें आश्चर्य को देखने आते हैं। इस बल्ब को फ्रांसीसी मूल के वैज्ञानिक एडोल्फ शैले ने डिजायन किया था। सेंटेनियल लाइट जैसे बेहतरीन बल्ब को डिजायन करने के बाद भी शैले को बल्ब के जनक माने जाने वाले थामस अल्वा एडीसन जैसी शोहरत नहीं मिल पाई।

बल्ब की देखभाल करने वाले स्टीव बन कहते हैं कि सेंटेनियल लाइट इस बात का सूचक है कि पूर्व में आज से बेहतर चीजें बनाई जा चुकी हैं। हालांकि यह बात दीगर है कि ऐसी चीजें दोबारा नहीं बनाई गईं। हमने उच्च वोल्टेज पर कई बल्बों के परीक्षण किए और वे चलते बने। लेकिन शैले के डिजायन किए, इस बल्ब की रोशनी लगातार बढ़ती चली गई।

हाल ही में बन को आर्कटिक क्षेत्र (उत्तरी ध्रुव) से एक संदेश प्राप्त हुआ है। इसके मुताबिक यह बल्ब दुनिया के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह है जो अंधेरे और निर्जन स्थानों में भी हमारे अंदर प्रकाश का संचार करता है। यह बल्ब तब से जल रहा है जब मेरे दादा-दादी बच्चे थे। यह अपने आप में सुखद है। उल्लेखनीय है कि 1879 में थामस अल्वा एडीसन ने पहली बार फिलामेंट की मदद से लाइट बल्ब बनाया था, जो साढ़े तेरह घंटे जला। हालांकि कुछ महीनों बाद एडीसन ने दूसरा बल्ब बनाया जो 1200 घंटे जला।

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