गुरुवार, 13 मई 2010

मैंने पायल है छनकाई...

पायल: पैरों को सजाए, सबको भाए

वैदिककाल से ही स्त्रियों के श्रृंगार में पायलों का विशेष स्थान रहा है। छम-छम करती घुँघरूओं से सजी खूबसूरत पायलें हमेशा से ही स्त्री के पैरों की शोभा रही हैं। यहाँ तक कि कवियों ने भी पायलों की रुन-झुन व उसकी छम-छम के ऊपर अनेक कविताएँ रच डालीं।
स्त्री के सौंदर्य में चार चाँद लगाने वाली ये पायलें अब एक नये परिवर्तन के साथ फैशन में आ गई हैं। जहाँ पहले युवतियाँ पायलों को अपने दोनों पैरों में पहनती थीं, वहीं अब वे इसे जींस व कैप्री के साथ एक पैर में पहनकर स्टाइलिश बन रही हैं।
अनोखा है एक पैर में पहनने का अंदाज
सुहागिन स्त्रियों द्वारा पायलों को सुहाग की निशानी के रूप में दोनों पैरों में पहनना आवश्यक माना जाता था, लेकिन समय के परिवर्तन के साथ आज एक पैर में पायल पहनने का अनोखा चलन सामने आया है। ये पायलें खासतौर से कॉलेजगोइंग युवतियों द्वारा पहनी जाती हैं। चूँकि कॉलेज की भी़ड़ में अलग दिखना है तो भाई कुछ तो करना ही प़ड़ेगा,तब फैशन का यह फंडा ही सही।

चलन में हैं कुंदन की पायल
पैरों को खूबसूरती प्रदान करने के लिए इस समय कुंदन की पायलें फैशन में हैं। युवतियाँ चाँदी व सोने की पायलों को छो़ड़कर कुंदन की पायलों को पहनना ज्यादा पसंद कर रही हैं। वहीं ब्लैकमेटल की पायलों में घुँघरूओं का काम भी बहुत सुंदर है, जो कि युवतियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
कैप्री व स्कर्ट की बढ़ती है शान
वैसे तो पायलों को किसी भी परिधान के साथ पहना जा सकता है, लेकिन ज्यादातर युवतियाँ इन्हें कैप्री, जींस, व स्कर्ट्स के साथ पहनना पसंद करती हैं। मिक्स एंड मैच फैशन की दुनिया में अब पायलों ने भी कदम रख दिया है। इसलिए युवतियाँ अब विभिन्न रंगों के परिधान के मैचिंग के हिसाब से ही एक पैर में पायल पहनती हैं।

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