सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

मुलाकात

सिनेमा ही मेरा पहला प्यार है- समीरा रेड्डी

समीरा रेड्डी ने जहाँ एक ओर ‘मुसाफिर’ और ‘नक्शा’ जैसी विशुद्ध कमर्शियल फिल्में की है वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बुद्धदेब दासगुप्ता के साथ ‘कालपुरुष’ (बंगाली) जैसी गंभीर फिल्म भी की है। समीरा मुख्यधारा और समानांतर दोनों तरह की फिल्मों में श्रेष्ठ काम करना चाहती है। पेश है उनसे बातचीत :

* बुद्धदेब दासगुप्ता जैसे निर्देशक के साथ काम करने का अनुभव बिलकुल अलग तरह का रहा होगा?
- बिलकुल। वे काफी जानी-मानी शख्सियत है, खासकर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह सर्किट में उनका खासा नाम है। उन्होंने कई पुरस्कार जीते है। शुरूआत में मैं थोड़ा घबराई हुई थीं, लेकिन बाद में सब कुछ आसान होता चला गया। उनसे मुझे ढेर सारी चीजें सीखने को मिली।

* एक बार फिर आप उनके साथ काम करने वाली है?
- दादा को मेरा काम बेहद पसंद आया और उन्होंने मुझे दूसरी फिल्म की स्क्रिप्ट थमा दी है। उन्होंने मुझसे कहा है कि वे मेरे साथ दूसरी फिल्म भी करना चाहते है।

* इस फिल्म में आप क्या किरदार निभा रही है?
- इसमें मेरा किरदार एक ऐसी लड़की का है जो एक छोटे शहर से फिल्मों में हीरोइन बनने का सपना लिए आती है। उसके सारे सपने बिखर जाते है जब उसका असल दुनिया से सामना होता है। बहुत ही खूबसूरती से रोल लिखा गया है। इसमें मेरे साथ अमिताभो नामक अभिनेता है जो कोलकाताClick here to see more news from this city से है।

* आप दक्षिण भारतीय है, क्या आपको बंगाली बोलने में तकलीफ नहीं होती है?
- मुझे बंगला नहीं आती, लेकिन मेरा मानना है कि यह बहुत ही प्यारी भाषा है। एक बार मैंने आठ पृष्ठों में लिखे संवादों को एक ही टेक में ओके किया था। यह सब बेहद कठिन होता है, लेकिन एक बार आप चरित्र में प्रवेश कर लेते है तो सारा काम आसान हो जाता है।
* बंगाली सिनेमा और हिंदी सिनेमा में से आप किसे प्राथमिकता देती है?
- बंगाली फिल्मों में अभिनय करने का बहुत स्कोप होता है, लेकिन हिंदी फिल्मों के लिए मुझे झटका-मटका टाइप रोल करना भी पसंद है। यदि कोई रिक्शेवाला मेरे किसी गीत पर झूमता है या लोगों मेरी फिल्में पसंद आती है तो मुझे अच्छा लगता है। कई बार मेरी मुलाकात ऐसे बच्चों से होती है जो आकर मेरे गानों के डांस स्टेप्स मुझे दिखाते है। उनकी यह बात मेरे दिल को छू जाती है। हिंदी फिल्म का क्षेत्र व्यापक है। बंगाली फिल्म की दुनिया अलग है और मुझे इससे प्यार है, पर मैं आज जो कुछ भी हूँ हिंदी फिल्मों की वजह से ही हूँ।

* आप मीरा नायर के साथ भी एड्स पर आधारित एक शार्ट फिल्म कर रही है?
- यह एक सीरिज है जिसमें चार शार्ट फिल्में बनाई जाएगी। मीरा नायर, विशाल भारद्वाज, फरहान अख्तर और संतोष सिवन इसे निर्देशित करेंगे। मीरा की फिल्म का नाम है ‘द माइग्रेशन’ जिसमें मैं एक गृहिणी की भूमिका में हूँ। एड्स से संबंधित मुद्दे इस फिल्म में उठाए गए है।

* मीरा के साथ काम करना कैसा लगा? - मैं मीरा को ‘मानसून वेडिंग’ के समय से जानती हूँ। मैं उस फिल्म में काम भी करने वाली थी, लेकिन बात नहीं बनी। उन्होंने ‘कालपुरुष’ में मेरा काम देखा और सराहा। उन्होंने कहा कि ‘द माइग्रेशन’ के रोल के लिए मैं तुम्हारे अलावा किसी अोर को सोच नहीं पा रही हूँ। मेरे लिए यह बहुत बड़ा कॉम्प्लिमेंट है।

* लगता है आप पैरेलल सिनेमा में काम ज्यादा कर रही है?- ऐसी बात नहीं है। मेरा पहला प्यार कमर्शियल सिनेमा ही है। लेकिन मैं ऐसी फिल्म करना चाहूँगी जो अर्थपूर्ण हो। जो युवाओंं को प्रभावित करें। मुझे कॉमेडी फिल्म करना भी पसंद है। मुझे रोने-धोने वाली भूमिकाएँ और फिल्में पसंद नहीं है।

* आपकी कौन-कौन ‍सी फिल्में आने वाली है?
- सबसे पहले फिरोज नाडियाडवाला की ‘फूल एण्ड फायनल’ आएगी। यह एक फन फिल्म है। इसमें मैं एक पंजाबी लड़की की भूमिका निभा रही हूँ जो दुबई में गुम हो जाती है। अब्बास-मस्तान की ‘रेस’ है जिसमें मेरे साथ सैफ अली, अक्षय खन्ना, कैटरीना कैफ और बिपाशा बसु है। ये दोनों फिल्में मल्टी स्टारर है। इसके अलावा तिगमांशु धुलिया की ‘गुलामी’ और अनीज बज्मी की ‘बेनाम’ है।

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