बुधवार, 10 मार्च 2010

सामंजस्य

सामंजस्य से बने टिकाऊ रिश्ते
धैर्य के अभाव के इस दौर में टिकाऊ रिश्ते पा लेना अपनेआप में एक बड़ी सफलता है। फिर शादी जैसे मामले में तो यह और भी ज्यादा मुश्किल टास्क है। हाल ही में टेनिस खिलाड़ी सानियाFresh Photo Collection of Sania Mirza मिर्जा की सगाई टूट जाने पर इन दिनों एक नई बहस शुरू हुई है। क्या शादी से पहले सामंजस्य का अभाव होने को कारण मानते हुए रिश्ता तोड़ दिया जाना चाहिए या फिर रिश्तों को पकने के लिए समय का इंतजार किया जाना चाहिए?
यूँ तो टिकाऊ और खुशनुमा रिश्तों का कोई फार्मूला नहीं होता है, फिर भी दोनों के बीच सामंजस्य होना जरूरी है। 'सामंजस्य' एक ऐसा शब्द है, जो अपने आप में बहुत व्यापक है और इसके कई सारे आयाम होते हैं, फिर भी शादी के मामले में यह बहुत जरूरी फैक्टर पाया गया है। कई युवा यह मानते हैं कि जब आप शादी करने जा रहे हैं तो सामंजस्य या संगति से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। अलग-अलग व्यक्ति अपने रिश्तों को लेकर अलग-अलग दृष्टिकोण रखते हैं।
कुछ बहिर्मुखी होते हैं और एकांत पसंद करते हैं तो कुछ लोग आसपास हमेशा मेला लगाए रहते हैं, कुछ साथी के परिवार और दोस्तों के बीच ज्यादा मजे से रहते हैं, तो कुछ लोग इसे तनाव की तरह लेते हैं। पैसा भी रिश्तों में एक बड़ी भूमिका निर्वाह करता है।
हकीकत में रिश्तों का रहस्य इस बात में है कि इन सारे मामलों को एक युगल किस तरह से लेता है। कई कहते हैं कि विपरीत आकर्षित करता है, लेकिन सामंजस्य लंबे समय के खासतौर पर शादी जैसे रिश्तों के लिए बहुत जरूर है। तो यह एक संकेत है कि सगाई या शादी से पहले रिश्तों का टूट जाना अच्छी बात है, बजाय भविष्य में रिश्ता टूटने के या फिर दोनों के बीच में तनाव आने के।
ह जरूरी है कि आप शादी से पहले अपने साथी की पसंदगी और आमतौर पर उसके हावभाव पर भी ध्यान दें। 26 साल की शबाना जो कि एक इंटीरियर डेकोरेटर है, कहती हैं- 'मैंने अपने ब्वॉयफ्रेंड से अपनी सगाई तोड़ दी, क्योंकि जब हम दोनों साथ भी होते थे, तब भी मैं उससे जुड़ नहीं पाती थी, कई लोगों में मुझे दोष दिया लेकिन मैंने वह किया जो मुझे करना था।'
सानिया एक स्मार्ट लड़की है और वह जानती है कि वह क्या चाहती है। हो सकता है दोनों अच्छे दोस्त हो लेकिन यह महसूस किया हो कि दोनों के बीच वह ऊष्मा नहीं है, जो होना चाहिए। इंजीनियर सोनिया विज जिसने एक फर्म मैनेजर से शादी की, कहती हैं कि उसकी शादी आपसी समझ, विश्वास और सम्मान पर टिकी हुई है। सोशियोलॉजिस्ट डॉ. शालिनी अय्यर कहती है कि लगभग 'लगभग 85 प्रतिशत कपल मानसिक रूप से तलाकशुदा है। वे साथ रह रहे हैं, लेकिन सही कारण कारण से नहीं।'
पैसा-केंद्रित तेजी से दौड़ती दुनिया में जहाँ हर कोई किसी-न-किसी चूहादौड़ का हिस्सा है, समय और धैर्य की कमी हो, लक्ष्य, डेडलाइन, पैसा और प्रसिद्धि लगातार प्यार की अवहेलना कर रहा हो और लोगों के पास एक-दूसरे के लिए समय नहीं हो ऐसे में अपने लिए परफेक्ट साथी ढूँढना असंभव है। लेकिन यहाँ कुछ निश्चित चीजें हैं, जो पहले से ही समझ ली जानी चाहिए। यदि चीजें हाथ से निकल रही हो, तो बेहतर है कि पहले से ही रास्ते अलग-अलग कर लिए जाएँ, बजाय समय का इंतजार करने के। क्यों दिल या शादी टूटने की तकलीफ सही जाए?

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