गुरुवार, 11 फ़रवरी 2010

वेलेंटाइन डे स्पेशल

कितना खूबसूरत है प्यार !

कौन-सा जादू है इस नन्हे शब्द 'प्यार' में कि सुनते ही रोम-रोम में शहद का मीठा अहसास जाग उठता है। जिसे लव हुआ नहीं, उसकी इच्छा है कि हो जाए, जिसे हो चुका है वह अपने सारे 'एफर्ट्स' उसे बनाए रखने में लगा रहा है। प्रेम, प्यार, इश्क, मोहब्बत, नेह, प्रीति, अनुराग, चाहत, आशिकी, लव। ओह! कितने-कितने नाम। और मतलब कितना स्वीट, सोबर और ब्यूटीफूल। आज प्रेम जैसा कोमल शब्द उस मखमली लगाव का अहसास क्यों नहीं कराता जो वह पहले कराता रहा है?
जो इन नाजुक भावनाओं की कच्ची राह से गुजर चुका है वही जानता है कि प्यार क्या है? कभी हरी दूब का कोमल स्पर्श, तो कभी चमकते चाँद की उजल‍ी चाँदनी।
सच्चा प्यार फीजिकल एट्रेक्शन नहीं है, बल्कि सुंदर सजीले रंगों की मनभावन बरखा है प्यार। अपने वेलेंटाइन की एक झलक देख लेने की 'पिंक' बेचैनी है प्यार। 'उसके' पास होने अहसास को याद करने की 'ऑरेंज' इच्छा है प्यार। उसकी आवाज सुनने को तरसते कानों की 'रेड' गुदगुदी है प्यार।

उसकी स्माइल के पर दिल में गुलाल की लहर का उठना है प्यार। उसके पहले उपहार से शरबती आँखों की बढ़ जाने वाली चमकीली रौनक है प्यार। कितने रंग छुपे हैं प्यार के अहसास में?
सूखे हुए फूल की झरी हुई पँखुरी है प्यार। किसी किताब के कवर में छुपी चॉकलेट की पन्नी भी प्यार है और बेरंग घिसा हुआ लोहे का छल्ला भी। प्यार कुछ भी हो सकता है। कभी भी हो सकता है। बस, जरूरत है गहरे-गहरे और बहुत गहरे अहसास की।
प्यार का अर्थ सिर्फ और सिर्फ देना है। और देने का भाव भी ऐसा कि सब कुछ देकर भी लगे कि अभी तो कुछ नहीं दिया।
प्यार किसी को पूरी तरह से पा लेने का स्वार्थ नहीं है, बल्कि डेटिंग पर अकेले में एक-दूजे को देखते रहने की भोली तमन्ना है प्यार। बाइक पर अपने साथी से लिपट जाना ही नहीं है प्यार, एक-दूसरे का रिस्पेक्ट और डिग्न‍िटी है प्यार। उधार लेकर प्रेशियस गिफ्ट खरीदना ही नहीं है प्यार, बल्कि अपनी सैलेरी से खरीदा भावों से भीगा एक रेड रोज भी है प्यार। प्यार को और क्या नाम दिए जाएँ, वह तो बस प्यार है, उसे पनपने के लिए हेल्दी स्पेस दीजिए। वेलेंटाइन 'डे' के नाम पर लव को 'डैमेज' मत कीजिए।

प्यार की राह में थामे चलो हाथ
तेरे प्यार के सागर में डूबकर
हुआ है अहसास मुझे जन्नत का
जिंदगी क‍ी राहों में साथ तेरे चलकर
लगता है सपना भी मुझे हकीकत सा

इन्हीं पक्तिंयों की तरह प्यार भी एक ऐसा नशा है, जिसमें खोकर प्रेमी सपनों की उड़नतश्तरी में अपने भविष्य के सफर पर निकल पड़ते हैं। प्यार का हर लम्हा इतना प्यारा होता है कि उसमें जिंदगी की संपूर्णता का अहसास होता है। हर प्रेमी चाहता है कि उस लम्हें को थामकर बस उसी लम्हें की यादों में अपनी जिंदगी गुजार दें।
बदलते दौर के साथ आज प्रेमियों के लिए प्यार के मायने भी बदल गए है। उनके लिए आज प्यार करने की अहमियत तो है परंतु इस रिश्ते को उम्रभर निभाकर साथ चलने की समझ नहीं है। प्यार कोई ‍मामूली चीज नहीं है, जिसे बाजार से खरीदा जा सके, यह कोई आदान-प्रदान की वस्तु नहीं है, जिसे दोस्तों के बीच बाँटा जा सके, प्यार तो आपसी समझ और अहसास का नाम है। यह तो दिलों की गहराईयों से उठती वो तरंग है, जो प्रेमियों को भीतर तक हिला कर रख देती है और उसे जिंदगी जीने का एक नया ढंग सीखाती है।

रिश्ते की अहमियत को जानना जरूरी :
प्यार करने से ज्यादा अहम होता है उसकी कद्र करना। यदि आप प्यार की गहराईयों को नहीं समझ पाएँगे तो शायद आप कभी प्यार ही नहीं कर पाएँगे। प्यार का एक अर्थ होता है सम्मान। यह कोई मजाक का रिश्ता नहीं है, जिसका मखौल बनाकर हर शाम दोस्तों की महफिल में अपने प्रेमी के नाम पर चुटकियाँ ली जाए। यह तो गोपनीयता का रिश्ता है, जिसके आवरण को सरेआम अनावृत करना अपने ही प्यार को बदनाम करना है। इस रिश्ते को जितना गोपनीय रखा जाए, उतना ही आप इस रिश्ते का आनन्द ले पाएँगे।

स्वार्थ से परे है ये रिश्ता :
कहते हैं जिस रिश्ते में 'प्रेम' का सामना 'स्वार्थ' से होता है वह रिश्ता अपनेपन का नहीं बल्कि 'औपचारिकता' व 'अजनबीपन' का रिश्ता है। प्रेम के रिश्तों में तो स्वार्थ और अहम के स्थान पर अदब, आग्रह और अपनापन होता है, जो इस रिश्ते को बोझिल बनाने से रोकता है। इस रिश्ते में अपने प्रेमी की खुशी में अपनी खुशियों की जगह बनाई जाती है ताकि आपसे प्यार करने वाले को यह आभास हो कि आपके लिए वो ही सर्वोपरि है।

रिश्ते में हो गंभीरता :
प्रेमी का चुनाव नहीं होता है, वो तो जाने-अनजाने किसी बहाने से हमारे जीवन में दस्तक देकर हमारी जिंदगी बन जाता है। प्रेम का रिश्ता शरारतों व हँसी-ठिठौली का रिश्ता है लेकिन इसका यह अभिप्राय नहीं है कि इस मौज-मस्ती में हम गंभीरता का ही त्याग कर दे। प्रेमी कोई इस्तेमाल की वस्तु नहीं है, जिसका जी भर के इस्तेमाल करके उसे उसके हाल पर छोड़ दिया जाए। यह तो आपका उम्रभर साथ निभाने वाला वफादार साथी है, जो आपसे रिश्ते में वफा व गंभीरता की उम्मीद लगाए बैठा है। हर रिश्ते की तरह प्रेम के रिश्ते में भी गंभीरता का होना लाजिमी है, क्योंकि इसी से यह रिश्ता टिकाऊ व दीर्घायु बनता है।

बदले की भावना न पनपने दे :
एक-दूसरे की बराबरी करने व उसे नीचा दिखाने के लिए उसके कृत्य को उसी के सामने दोहराना समझदारी का नहीं बल्कि मूर्खता का परिचायक है। प्रेम की गाड़ी को जीवन के पथ पर सरपट चलाने के लिए जरूरी है दोनों में से किसी एक का समझदार व गंभीर होना। एक-दूसरे के प्रति द्वेष भावना रखकर यदि आप प्यार का ढोंग करेंगे तो माफ कीजिएगा आप अपना और अपने प्रेमी दोनों का वक्त और जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं।

आलोचक है अच्छे :
जिस तरह सर्फ एक्सेल के होते हुए 'दाग' अच्छे लगते है। उसी प्रकार आलोचकों का साथ होने पर प्रेमियों के लिए प्यार करने का मजा ही अलग है। आलोचक ही वो लोग है जो अफवाहों के बीच किसी रिश्ते को जन्म देते हैं और चर्चाओं के बाजार को गर्म रखते हैं। ये फुरसती लोग अपने ढंग से प्यार को नई दिशा और गति देते हैं और प्रेमी अपनी समझदारी से अपने रिश्ते को नया आयाम और ऊचाईयाँ देते हैं। इसलिए बेहतर होगा ऐसे आलोचकों की सुनने के बजाय अपने रिश्ते को गंभीर बनाने के प्रयास किए जाए तथा साल के हर दिन अपने प्रेमी से प्रेम का इजहार किया जाए।

गुलाब कहें 'आई लव यू...'

मानव इतिहास में प्रेम, पवित्रता, समर्पण, प्रेरणा, सौंदर्य, लालित्य, संवेदना, साधना और आसक्ति के प्रतीक के रूप में गुलाब का उल्लेख मिलता है। यदि आप अपने प्यार का इजहार कुछ अलग ही अंदाज में करना चाहते हैं, तो आप गुलाब के फूलों का उपहार भेज दीजिए। गुलाब आपके दिल की जुबाँ को बयान कर देते हैं। 1600 ई. में गुलाब के बारे में एक पर्शियल पोएट्री सामने आई, चार्ल्स द्वितीय ने इस पर्शियल पोएट्री को योरप तक पहुँचाया।
सन्‌ 1716 में लेडी मैरी वार्टले मॉग्टेग्यू ने फ्लॉवर लैंग्वेज को टर्की से इंग्लैंड पहुँचाया। इसके बाद यह फ्रांस पहुँची, धीरे-धीरे फ्लॉवर मैसेज की एक बुक तैयार हो गई, जिसमें 800 से अधिक फ्लॉवर मैसेज हो चुके हैं। प्रेमियों के बीच गुलाब के लेन-देन का सिलसिला काफी लोकप्रिय है।

आज दुनिया भर के अधिकतर प्रेमी अपने प्रेम का इजहार गुलाब देकर ही करते हैं। रोज कुछ इस तरह से अपना संदेश देता है।

- सुर्ख गुलाब कहता है, 'मैं तुमसे प्यार करता हूँ।'
- सफेद गुलाब कहता है, 'हमारा प्यार पवित्र है।'
- लाल और सफेद गुलाब एक साथ होने पर यह संकेत है एकता और आग व पानी का।'
- पूरी तरह से खिला, भरा-भरा लाल गुलाब कहता है, 'आप बहुत खूबसूरत हैं।'
- एक पूरे खिले हुए गुलाब के साथ रखी दो कलियाँ आश्वासन देती है सुरक्षा का।'

- सफेद गुलाब की बंद कली समझाती है अभी आप बेहद छोटे हैं प्यार करने के लिए।
- पीला गुलाब कुछ संशय में रहता है और कहता है, 'मैं तुमसे प्यार करता हूँ, पर तुम्हारे दिल में क्या है, यह मैं नहीं जानता।'
- अगर टहनी पर काँटों के अलावा एक पत्ती भी न हो तो मतलब है, यहाँ कुछ नहीं है न डर, न आशा, तुम्हारी खूबसूरती, तुम्हारी मधुरता में मेरी सारी चेतना खो सी गई है।
- नारंगी गुलाब का कहना है, 'मेरा प्यार अनंत है तुम्हारे लिए और 'तुम मेरी हो सिर्फ मेरी हो।'
- चार पत्तियों को जोड़ता हुआ गुलाबों के गुच्छे का मतलब है, बेस्ट ऑफ लक।
- काँटे निकली लंबी टहनी पर इठलाती बंद कली दम भरती है, 'प्यार किया है प्यार करेंगे हमको किसी का डर नहीं।'
- एक अकेली लंबी डंडी के साथ सुर्ख गुलाब का अर्थ होता है, 'मैं अभी भी तुम्हें प्यार करता हूँ।'
- चमेलिया गुलाब, मैं तुम्हें प्यार करता हूँ क्या तुम भी प्यार करती हो, यानी एक तरफा प्यार।
- पूरे खिले लाल गुलाबों का गुच्छा कृतज्ञता, आधार, श्रद्धा नमन।
- कालिमा लिए हुए गुलाब की कली-हाँ मैंने भी प्यार किया है।

- संकरित गुलाब-मैं तुम्हें हमेशा याद रखूँगा।
- रिबन से बँधे दो गुलाब-सगाई हो चुकी है।
- बर्नेट गुलाब-'मैं तुम्हें चाहता रहूँगा कयामत तक।'
- दो कलियों के साथ खिलता हुआ एक गुलाब-गोपनीयता का प्रतीक।
- गुलाब का बना ताज- तुम्हें पुरस्कार मिला हमें अपार खुशी मिली, मेरी ओर से बधाई स्वीकार।

- मुरझाया हुआ सफेद गुलाब, 'आप मुझे प्रभावित नहीं कर सकें' या मैं तुम्हें प्यार नहीं करती।
- गहरा बरगंडी गुलाब, 'तुम अपनी सुंदरता से बेखबर हो।'
- लाल गुलाब-चाहत, खुशी, सौंदर्य, आवेग।
- पीला गुलाब-ईर्ष्या, प्रेम में कमी।
- सफेद गुलाब-रोशनी का फूल, मासूमियत, पवित्रता, अणध्यात्मिकता, सौम्यता।
- गुलाबी गुलाब- सादगी, प्रेम।
- लाल गुलाब की कली- निश्छल प्यार।
- सफेद गुलाब की कली- लड़कपन।
- मुरझाया गुलाब का गुच्छा- नकारा प्रेम, तुम्हारा प्यार मुझे स्वीकार नहीं।
- गुलाब के साथ काँटे- हर तरह से तुम्हें स्वीकार करूँगा।


प्रेमि‍यों के नाम वेलेंटाइन का खत

प्‍यार करने वालों को मेरा सलाम,

आज मेरा दि‍न है, वेलेंटाइन डे। मेरी एक और बरसी, प्‍यार की याद में समर्पि‍त एक और 14 फरवरी। मैंने जब रोम के युवकों की चोरी छुपे शादि‍याँ करवाई तो कभी सोचा न था कि‍ मेरी ये चोरी एक दि‍न ऐसा रंग लाएगी। मैंने जब जेलर की बेटी को प्रेम संदेश दि‍या तो मैंने ये भी नहीं सोचा था कि‍ इस संदेश को सदि‍यों तक पीढ़ि‍याँ दोहराएँगी।
मैंने नहीं सोचा था कि‍ जि‍स रात में पकड़ा गया उस रात जि‍स जोड़े की मैंने शादी कराई उनके साथ प्‍यार भी हमेशा-हमेशा के लि‍ए आजाद हो जाएगा। मैंने यह भी नहीं सोचा था कि‍ जो बातें मैंने जेलर की बेटी से घंटो बैठकर साझा की वो ऐसी दास्‍तान बन जाएगी जो भले ही कलम से न लि‍खी जाए लेकि‍न सबके जहन में कसक बनकर जिंदा रहेगी।
लेकि‍न मैंने ये कभी नहीं सोचा था कि‍ 969 AD का प्‍यार 2010 तक आते-आते मोबाइल और इंटरनेट का प्‍यार बन जाएगा। मैंने ये भी नहीं सोचा था कि‍ प्‍यार महँगे गुलाबों की खुशबू में खो जाएगा। मैंने ये भी नहीं सोचा था कि‍ प्‍यार बाइक पर घूमने का लुफ्त हो जाएगा। मैंने नहीं सोचा था कि‍ प्‍यार पि‍क एंड ड्रॉप फेसि‍लि‍टी बन जाएगा। मैंने ये भी नहीं सोचा था की प्‍यार क्‍लॉडि‍यस की जेल से छूटकर राजनीति‍ की गि‍रफ्त में आ जाएगा।

माना की जमाने के साथ हर चीज बदलती है लेकि‍न प्यार 'हर चीज' जैसी तो कोई चीज नहीं है। प्‍यार तो एहसास है और एहसास हर जमाने में एहसास ही हुआ करता है। प्‍यार के इजहार को बदलने के चक्‍कर में लगता है प्‍यार को ही बदला जा रहा है। जेल में मेरे कद्रदानों के भेजे फूल मुझे आज भी ताजा लगते हैं और उनके प्‍यार भरे संदेश मुझे आज भी जिंदगी से भर देते हैं। फि‍र दुनि‍या में प्‍यार कैसे बदल सकता है।

मैंने कुछ नहीं सोचा और प्‍यार भी सोचने की चीज नहीं हैं। कभी-कभी सही काम करने की भी सजा भुगतनी पड़ती है और बहुत सारे अच्‍छे काम भी हैं जो बि‍ना सोचे कि‍ए जाते हैं। मैंने भी ऐसा ही काम कि‍या था जि‍सकी मुझे सजा मि‍ली। मैंने दि‍लों को मि‍लाया क्‍योंकि‍ वो मुझे सही लगा।

मैं आपसे भी यही चाहता हूँ कि‍ प्‍यार करें तो बि‍ना सोचे समझे। आपका प्‍यार जैसा है वैसा ही स्‍वीकार करें। सोचने समझने के लि‍ए जिंदगी में और भी चीजें हैं। खैर, मेरे न सोचने से इतना सब हो गया तो अगर ये सोचूँ कि‍ प्‍यार वापस अपनी असली शक्‍ल लेगा तो शायद जरूर हो ही जाए।

प्‍यार के साथ,
आपका वेलेंटाइन

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