सोमवार, 15 फ़रवरी 2010

खबर-संसार

अभिषेक-ऐश की जोड़ी अव्वल
'सिलेब्रिटी कपल' में इस समय अभिषेक और ऐश्वर्या बच्चन की जोड़ी का डंका बज रहा है और अधिकांश लोग इस दंपति को ‘हैप्पीली मैरिड’ जोड़ी मानते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं। यह खूबसूरत जोड़ा युवाओं में इस कदर लोकप्रिय है कि इसने अमिताभ और जया बच्चन को भी पीछे छोड़ दिया है।
पिछले दिनों करवाए गए एक सर्वेक्षण के नतीजों से यह बात सामने आई है, जिसमें अभिषेक और ऐश की जोड़ी को सर्वेक्षण के दायरे में आए 32 फीसदी लोगों ने 'फेवरेट सिलेब्रिटी कपल' चुना।
किंग खान और उनकी पत्नी गौरी को सर्वेक्षण में अभि-ऐश के बाद सर्वाधिक 29 फीसदी मत मिले, जबकि बिग बी और जया बच्चन की जोड़ी को 20 फीसदी लोगों ने अपनी पसंदीदा जोड़ी चुना है और तीसरा स्थान दिया है।
सर्वेक्षण में सर्वाधिक हैरानी की बात यह है कि ढलती उम्र में भी बिग बी और जया बच्चन को लोग 'हैप्पीली मैरिड कपल' की श्रेणी में रखते हुए उन्हें अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं।
सुखिर्यों के लिहाज से अभिषेक से आगे रहने वाले किंग खान और उनकी पत्नी गौरी के करीबी प्रतिद्वंद्वी आमिर खान और किरण खान को लोगों ने चार फीसदी मतों के साथ चौथे स्थान पर रखा हैं। इसका मतलब साफ है कि लोग आमिर को तो एक उम्दा कलाकार मानते हैं लेकिन घरेलू मोर्चे पर वे लोगों की पसंद पर खरे नहीं उतरे।
इस पायदान पर नवविवाहित जोड़ी राजस्थान रॉयल्स कपल राज और शिल्पा को मात्र चार फीसदी जबकि मुन्ना भाई यानी संजय और मान्यता को मात्र दो फीसदी लोगों ने 'हैप्पीली मैरिड' दंपति की श्रेणी में रखा है।
इंटरनेट मैट्रिमोनियिल साइट शादी डॉट कॉम द्वारा वेलेंटाइन डे से पूर्व करवाए एक इस सर्वेक्षण से और भी कई रोचक बातें उभर कर सामने आई हैं।
सर्वेक्षण दर्शाता है कि शादी डॉट कॉम द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में दुनियाभर से 3.6 लाख लोगों ने भाग लिया और इस साइट के साथ ही फेसबुक पर अपने विचार व्यक्त किए।
सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार वेलेंटाइन क्विज में भाग लेने वाले 42.64 फीसदी लोगों ने अपने बारे में खुलासा किया कि वे प्यार के नाम पर फ्लर्ट करते हैं जबकि 40.54 फीसदी ने कहा कि वे बेहद केयर करने वाले हैं।
9.31 फीसदी ने कहा कि वे अपने प्रियतम को लुभाने के लिए रोमांटिक होना पसंद करेंगे जबकि केवल 7.51 फीसदी ने कहा कि सही जीवनसाथी चुनने में वह खुशमिजाजी को काफी महत्व देते हैं।

ब्लॉगिंग दिलाती है मुफ्त की पब्लिसिटी
विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर और भारतीय राजनीति को ‘कलरफुल एंड ड्रामेटिक’ बनाने वाले अमरसिंह से लेकर राज्य स्तर के विधायक और पार्षद तक आजकल ब्लॉगिंग में व्यस्त हैं और ‘मुफ्त की पब्लिसिटी’ लूट रहे हैं।
मीडिया और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन और प्रचार की बड़ी कीमत अदा करनी पड़ती है और इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं लेकिन इंटरनेट स्पेस एकदम फ्री है। इस प्रकार नेता मुफ्त के प्रचार के लिए सोशल नेटवर्किंग साइटों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं।
नवभारत टाइम्स के वरिष्ठ सहायक संपादक बाल मुकुंद का कहना है कि नेता मुफ्त पब्लिसिटी, युवाओं तक पहुँच और अपने-अपने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बगावत, तीनों ही लक्ष्यों को एक साथ साधने के लिए ब्लॉग का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह एक नया जरिया है जिससे वे अधिक से अधिक लोगों तक अपनी बात पहुँचाना चाहते हैं।
एक नेता ने कहा कि ब्लॉगिंग अपनी बात रखने का सर्वाधिक सरल तरीका है क्योंकि इसमें 'हींग लगे न फिटकरी और रंग भी चोखा' वाली बात है।
उधर, सर्च इंजन गूगल से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि इंटरनेट स्पेस विशाल और पूरी तरह शुल्क मुक्त है। ऐसे में किसी को इसके इस्तेमाल से रोकने का कहीं कोई प्रावधान नहीं है और इसका इस्तेमाल पूरी तरह स्वविवेक पर आधारित है।
NDनईदुनिया के प्रधान संपादक आलोक मेहता ने कहा कि नव धनाढ्य मध्य वर्ग से जुड़े नेताओं का यह नया शगल है जिससे कुछ होने जाने वाला नहीं है क्योंकि आम जनता आज भी अखबार ही पढ़ती है। उनका कहना है कि आडवाणी और राहुल गाँधी जैसे बड़े नेताओं को यह दिखाने के लिए उनके दलों के नेता ब्लॉगिंग कर रहे हैं कि वे बहुत बड़े टेक्नोकेट्र हैं।
कांग्रेस नेता शशि थरूर संभवत: ऐसे पहले केंद्रीय मंत्री हैं, जिन्होंने अपनी ब्लॉगिंग के जरिए राजनीतिक हलचल पैदा की। थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी द्वारा शुरू किए गए किफायत अभियान के संदर्भ में इकॉनोमी क्लास में यात्रा करने को सोशल नेटवर्किंग साइट ‘ट्विटर’ पर कैटल क्लास कहकर विवाद खड़ा कर दिया था।
इन दिनों पूर्व सपा नेता अमरसिंह का ब्लॉग भी चर्चा में है और उन्होंने तो पिछले दिनों एक समारोह तक में कह डाला कि सिंगापुर में गुर्दो के ऑपरेशन के बाद खाली समय में ब्लॉगिंग करना और ब्लॉग में कांग्रेस तथा सोनिया गांधी की तारीफ करना ही सपा से उनकी विदाई का कारण बना।
भाजपा के फायर ब्रांड नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा विजय कुमार मल्होत्रा भी ट्विटर पर विराजमान हैं। राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने भी कई साल पहले ब्लॉगिंग शुरू की थी लेकिन पिछले कुछ साल से उनका ब्लॉग अपडेट नहीं हुआ है। उधर कांग्रेसी नेता प्रिया दत्त, मिलिंद देवड़ा तथा सचिन पायलट की भी वेबसाइट हैं। मिलिंद तो फेसबुक पर भी उपलब्ध हैं।
न केवल केंद्रीय स्तर के नेता बल्कि कई दक्षिण भारतीय राज्यों के मंत्रियों और विधायकों के बीच भी ब्लॉगिंग जोर पकड़ रही है, जिनमें कर्नाटक से भाजपा के एस सुरेश कुमार, राजीव चंद्रशेखर, के रघुपति भट्‍ट, तमिलनाडु से द्रमुक नेता तथा मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के पुत्र एमके स्टालिन आदि प्रमुख हैं।

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