रविवार, 20 जून 2010

बिपासा बसु

शादी के मूड में नहीं बिप्स
बिप्स के साथ ज़िंदगी बिता रहे जॉन उनकी तारीफ़ करते नहीं थकते। उनका कहना है कि बिप्स अपने परिवार और काम को लेकर बेहद समर्पित हैं। उनके जैसा दूसरा तो कोई और हो ही नहीं सकता।

फिर ये दोनों शादी क्यों नहीं कर लेते? इस सवाल का जवाब देते हुए जॉन कहते हैं कि अभी हम दोनों कैरियर के जिस मुक़ाम पर हैं, वहां फिलहाल शादी करना संभव नहीं..


जॉन अब्राहम और बिपाशा बसु के रिश्ते को लगभग सात साल हो गए हैं। दोनों ने शादी के बिना रिश्ते की एक नई परिभाषा गढ़ ली है। गाहे-बगाहे इस रिश्ते के टूटने की ख़बरें भी आईं, पर हर बार दोनों ने अपने रिश्ते को साबित किया। पर्दे पर दोनों की कैमिस्ट्री भले ही न जमें, पर्दे के बाहर यह जोड़ी ज़बर्दस्त हिट है। बिप्स के बारे में चर्चा चलने पर जॉन ने हमेशा खुलकर बात की है। पेश है, उनकी बिप्स के बारे में वो खट्टी-मीठी बातें—

दोस्त से ज्यादा ख़ास है
दस-बारह साल से भी ज्यादा हो गए हैं, जब बिप्स से मेरी पहली मुलाक़ात हुई थी। वह फैशन शो से संबंधित कोई कार्यक्रम था। शुरुआती परिचय के बाद ही उनके बातचीत करने का लहज़ा मुझे अच्छा लगा। इसके बाद भी हमारी बातचीत होती रही। मैंने महसूस किया कि कई मामलों में हमारे विचार बहुत मिलते हैं। मेरी तरह वह भी अपने परिवार के लिए बहुत वचनबद्ध है।

मैं अपने मम्मी-डैडी से जुड़ा रहना पसंद करता हूं। वह भी अपने मां-बाबा को मुंबई में बहुत मिस करती है। मैं कई साल से देख रहा हूं, अपने पैरेंट्स से मिलने का कोई मौक़ा वह नहीं चुकती है। आज ऐसी बातें मायने खो रही हैं, मगर मुझ जैसे लोग ऐसी ही बातों के मुरीद हैं। इसी वजह से बिप्स का साथ मुझे अच्छा लगा था, लेकिन उस समय डिनो मोरिया उनका बॉयफ्रैंड था।

फिर भी हम अच्छे दोस्त बन गए। ‘जिस्म’ की शूटिंग शुरू होने से पहले मुझे पता चला कि उनका ब्रेकअप हो चुका है। वह उन दिनों थोड़ा अप्सेट थी। मैंने उसके इस पर्सनल प्रॉब्लम में कोई दख़लअंदाज़ी नहीं की। मैं नॉर्मल ढंग से उससे मिलता रहा और हंसी-मज़ाक की ढेरों बातें करता रहा। लेकिन ‘जिस्म’ की शूटिंग शुरू होने पर काफ़ी बातें बदल गईं।

इस दौरान मैंने महसूस किया कि वह दोस्त से ज्यादा मेरी कुछ बनती जा रही है। ‘जिस्म’ की शूटिंग पूरी होने तक वह मेरी गहरी दोस्त बन चुकी थी। हमें एक-दूसरे का साथ अच्छा लगने लगा था। उस समय हम दोनों को सुझाव मिलने लगा था कि हम शादी कर लें, पर हमने इस मामले में कोई जल्दबाज़ी नहीं की। मैरीड लाइफ़ पर मेरा पूरा यक़ीन है, लेकिन कैरियर के इस मोड़ पर हम दोनों ही शादी करने के मूड में नहीं हैं।

बहुत आत्मनिर्भर है
उसने सब कुछ अपने दम पर कमाया है। इससे एक बात साफ़ है, वह अपने काम को लेकर बहुत गंभीर है। मैंने उसे सफल मॉडल के रूप में देखा है, अब एक्ट्रैस के तौर पर देख रहा हूं। कम लोग ही इतने मेहनती होते हैं। उसे पता है कि लोग उसके ग्लैमर के कायल हैं, इसलिए वह इसी मैंटेन रखती है। मुझे याद है, जिन दिनों उसके पास मॉडलिंग के बहुत कम एसाइनमैंट होते थे, वह कई एड फ़िल्में छोड़ देती थी।

कई मेकर ने ख़ुद उसे सुझाव दिया था, वह इस व़क्त एड कर लें, पर इस मामले में कंप्रोमाइज़ करना उसे पसंद नहीं। उसका तर्क होता था- मैं ज्यादा काम के चक्कर में न पड़कर बेहतर काम करने के लिए थोड़ा इंतज़ार कर सकती हूं। मुझे लगता है, उसने इस तरह अपनी आत्मनिर्भरता को और सुदृढ़ किया है।

इंप्रूव कर रही है
बतौर हीरोइन उसने ख़ुद को इंप्रूव किया है। ऋतुपर्णो घोष की फ़िल्म ‘सोब चरित्रो काल्पोनिक’ में उसे देखकर मैं उसका कायल हो गया। इस फ़िल्म में साड़ी में सजी एकदम पारंपरिक युवती के रूप में उसे पहचानना मुश्किल है। वह अब हीरोइन से एक एक्ट्रैस बन चुकी है। जो लोग बिप्स को सिर्फ़ एक ग्लैमर की गुड़िया मानते हैं, इस फ़िल्म में उसका अभिनय सबका मुंह बंद कर देता है।

मेरे पिता को तो कई दिनों तक यक़ीन ही नहीं हुआ कि इसमें बिप्स ने काम किया है। असल में जब से वह फ़िल्मों में काम कर रही है, उसे ऐसे मौक़े न के बराबर ही मिले। सिर्फ़ उसके सैक्सी लुक को ही पर्दे पर पेश किया जाता रहा है। वह एक अच्छी एक्ट्रैस है, इसे अब वह प्रूव करना चाहती हैं, मगर इसके लिए उसने अपने इमेज को दांव में नहीं लगाया है। वह बहुत संवेदनशील हैं, अब वह जल्द अपनी फ़िल्मों में भी एक संवेदनशील अभिनेत्री के तौर पर दिखाई देगी।

फिटनेस का जबाव नहीं
मैं जब कभी मज़ाक में उससे कहता हूं कि तुम्हारा वज़न कुछ बढ़ रहा है, दूसरे दिन से ही उसकी वर्जिश और डायटिंग बढ़ जाती है। मुझे ताज्जुब होता है, वह खाने की इतनी शौक़ीन है, फिर भी कई दिन तक अपने पसंदीदा खाने से दूर रहती है। फिटनेस का यह मूल मंत्र मेरे जीवन का भी एक हिस्सा है, मगर कई बार इस मामले में मैं उससे थोड़ा पीछे चला जाता हूं।

उसके जैसा वर्क आउट तो मैं कर ही नहीं सकता। उसकी अच्छी बात यह है कि वह सिर्फ़ फिज़ीकल वर्कआउट पर ही ध्यान नहीं देती, बल्कि मानसिक तैयारी भी करती है। वह अक्सर मुझसे कहती है- ख़ुद से प्यार करो और अपने दिल-दिमाग से वर्जिश करो। कई बार हम दोनों जिम में भी अपना काफ़ी समय बिताते हैं।

घूमने-फिरने की शौक़ीन
फिटनेस के साथ-साथ वह छुट्टियों को लेकर गंभीर है। इन गर्मियों में वह पेरिस में कुछ दिन छुट्टियां बिताना चाहती है। उसे पेरिस की सुंदरता ख़ूब लुभाती है। उसकी इच्छा है कि फ़िल्म ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ का री-मेक बने और उसमें हम दोनों साथ काम करें। उसे रोमांस, फैशन, कला और मौज-मस्ती से भरा शहर बहुत पसंद है। यही नहीं, देश-विदेश के हर ख़ूबसूरत शहर की ख़ास-ख़ास बातें उसने अपनी डायरी में नोट कर रखी हैं। वह वाकई लाजवाब है।

बिपाशा का अर्थ गहरे में छिपी एक तीव्र इच्छा होता है। 7 जनवरी 1979 को दिल्ली में जन्मी बिपाशा बसु तीन बच्चों में मंझली हैं। उनकी अन्य दो बहनों के नाम बिदिशा और विजेता हैं। बिपाशा ने शुरुआत साइंस की पढ़ाई करना चाहती थी, पर जब साइंस के तहत कीड़े-मकौड़ों के चीर-फाड़ की बारी आई, तो वह भाग खड़ी हुईं और कॉमर्स विषय ले लिया।

1996 में मशहूर मॉडल मेहर जेसिया (अब अभिनेता अजरुन रामपाल की पत्नी) ने कोलकाता में जब बिपाशा बसु को मॉडलिंग में जाने की हिदायत दी थी, तब बिपाशा ने गोदरेज सिंथॉल सुपर मॉडल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जहां वह विजेता बनकर उभरीं। मल्लिका शेरावत और ऐश की दमदार मौजूदगी के बावजूद 2007 में उन्हें एक एक्ज़िट पोल के ज़रिए एशिया की सबसे सैक्सी युवती का ख़िताब मिला था।

2001 ‘अजनबी’ से कैरियर शुरू करने वाली बिप्स इसमें एक ऐसी पत्नी बनी थीं, जो अपने पति के शादीशुदा दोस्त से संबंध बनाने को आतुर रहती है। फ़िल्म में उनके काम की तारीफ़ हुई और उन्हें बैस्ट नवोदित अभिनेत्री का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें