शहद में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुंह के छालों पर करें और लार को मुंह से बाहर टपकने दें। मुंह में छाले होने पर अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए।
कत्था, मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने चाहिए।
अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुंह में रखने से अथवा केवल गूदे को मुंह में रखने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
अमरूद के कोमल पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
अनार के 25 ग्राम पत्तों को 400 ग्राम पानी में ओंटाकर चतुर्थांश शेष बचे क्वाथ से कुल्ला करने से मुंह के छाले दूर होते हैं।
सूखे पान के पत्ते का चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटना चाहिए।
नींबू के रस में शहद मिलाकर इसके कुल्ले करने से मुंह के छाले दूर होते हैं।
सोमवार, 11 जुलाई 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें