गुरुवार, 4 मार्च 2010

खबर-संसार

बढ़ रहे हैं माइग्रेन के युवा मरीज
माइग्रेन के युवा मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार करीब 10 फीसदी आबादी किसी न किसी रूप में माइग्रेन से पीड़ित है। स्पेशलिस्ट के अनुसार इसके बढ़ने का कारण शुरुआत में ही युवा मरीजों का इस पर ज्यादा ध्यान न देना है। जब तक प्रॉब्लम बढ़ नहीं जाती माइग्रेन से पीड़ित युवा मरीज डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं और इसे सामान्य सिरदर्द ही समझते रहते हैं। इससे उनकी प्रॉब्लम बढ़ती जाती है।
वास्तव में मॉर्डन लाइफ स्टाइल अपना असर दिखाने लगी है। भागमभाग भरी जिंदगी, लेट नाइट स्लीपिंग, देर से उठना, असमय खाना और बढ़ते टेंशन आदि जैसे कई कारणों से माइग्रेन के युवा मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। सावधानी न रखने से यह गंभीर भी हो सकता है। अस्पतालों में प्रति माह 100 से अधिक युवा मरीज माइग्रेन के पहुँचते हैं। न्यूरोलोजिस्ट के अनुसार अस्पताल में मरीज तभी पहुँचते हैं जब स्थिति बिगड़ जाती है। माइग्रेन की शुरुआती स्थिति में ही यदि एक्सपर्ट से मिल लिया जाए तो इसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। बाद में ठीक होने में इसे थोड़ा समय लगता है।

माइग्रेन रक्त वाहिकाओं यानी ब्लड नर्व्स के फैलने और उनसे कुछ केमिकल निकलने के कारण होता है। कुछ खास कारण इसे प्रेरित करते हैं। माइग्रेन की 4 स्टेज रहती हैं- प्रोडोम, ऑरा, हैडेक और पोस्टड्रोम। खास बात यह है कि माइग्रेन युवाओं में ज्यादा पाया जाता है। आजकल दवाओं से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। इसकी अलग-अलग स्टेज के आधार पर ही इसे पूरी तरह ठीक होने में लगने वाला समय भी अलग-अलग होता है।

माइग्रेन के लक्षण
आधे सिर में दर्द होना और धीरे-धीरे बढ़ते जाना।
सिरदर्द के साथ उल्टी की इच्छा होना या उल्टी होना।
सिरदर्द के साथ डायरिया होना।
धीरे-धीरे आँखों के सामने अंधेरा छा जाना। कुछ चीजें धुँधली दिखाई देना।
सिरदर्द के पहले भी आलस्य, नींद आना, भूख न लगना, ध्वनि का चुभना जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं।

माइग्रेन से कैसे बचें
प्रतिदिन सोने और जागने का समय निश्चित करें। कोशिश करें कि रात में जल्दी सोएँ और सुबह जल्दी जागें।
समय पर भोजन करें। लंबे समय तक उपवास न रखें।
केफीन का सेवन कम करने के लिए कॉफी और चाय का सेवन कम करें।
तेज प्रकाश से बचें।
माइग्रेन को प्रेरित करने वाली चीजों को पहचानें और उनसे बचें।
व्यायाम और योगा को अपनी दिनचर्या का अनिवार्य हिस्सा बनाएँ।
तनाव कम करने के लिए रिलेक्सेशन तकनीकों का उपयोग करें।

दिमाग को तेज बनाता है इंटरनेट
इंटरनेट का सही इस्तेमाल इंसानी दिमाग को और तेज बना सकता है। अमेरिकी प्रांत उत्तरी कैरोलीना के एलान विश्वविद्यालय के इमेजिनिंग इंटरनेट सेंटर और प्यू इंटरनेट तथा अमेरिकन लाइफ प्रोजेक्ट की ओर से कराए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है।
सर्वे में शामिल 395 इंटरनेट यूजर्स और एक्सपर्ट्स में से तीन चौथाई से ज्यादा ने माना है कि इंटरनेट के इस्तेमाल से लोगों के दिमाग को तेज किया जा सकता है। इमेजिंग इंटरनेट सेंटर की निदेशक जेना एंडरसन ने बताया कि सर्वे में शामिल अधिकतर युवाओं ने माना कि इंटरनेट 2020 तक पढ़ने और लिखने की इंसानी क्षमता को बढ़ा देगा।

उन्होंने कहा कि चार में से तीन एक्सपर्ट्स के अनुसार इंटरनेट के प्रयोग से मनुष्य की इंटेलिजेंस को बढ़ाया जा सकता है और दो तिहाई लोगों ने माना कि इंटरनेट लिखने-पढ़ने और ज्ञान में वृद्धि करता है। हालाँकि सर्वे में शामिल 21 प्रतिशत युवाओं ने यह भी माना कि इंटरनेट का बहुत अधिक इस्तेमाल करने वालों पर इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है और उनके जनरल नॉलेज का लेवल घट सकता है। एंडरसन ने कहा कि अब भी कई लोग ऐसे हैं जो ऑनलाइन सर्च इंजनों का विरोध करते हैं।

ज्यादा टीवी देखने से उम्र होगी कम
टेलीविजन के आगे घंटों बैठने वाले युवाओं को सावधान होने की जरूरत है। लगातार टीवी देखने से आपकी उम्र घट सकती है। ऑस्ट्रेलिया के बेकर आईडीआई हार्ट और डायबिटीज इंस्टीट्यूट के रिसर्च में यह परिणाम निकला है। इस स्टडी में करीब 8,800 युवाओं के डेली रूटीन पर नजर रखी और पाया कि लगातार बैठकर टीवी देखने से युवाओं में हार्ट डीसिज का खतरा बढ़ जाता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के न्यूज लेटर में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार रोजाना घंटों टीवी देखने से युवाओं में दिल के रोग बढ़ रहे हैं। टीवी के घातक इफेक्ट तेजी से फैल रहे हैं। इससे कम उम्र में हार्ट डीसिज से मरने की संभावना 18 प्रतिशत, जबकि कैंसर जैसी बीमारी के शिकार होने की संभावना 9 प्रतिशत बढ़ जाती है।
दो घंटे से कम टीवी देखने वाले युवाओं का कम्पैरिजन में चार घंटों से ज्यादा टीवी देखने वाले युवाओं से करने पर यह पाया गया कि ज्यादा टीवी देखने वाले 46 प्रतिशत युवा की किसी भी बीमारी से जल्दी मौत होती है, जबकि हार्ट डीसिज से होने वाली मौतों का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हार्ट डीसिज और अन्य मौतों के पीछे सिगरेट पीना, हाई ब्लड प्रैशर, इम्बैलेंस्ड डाइट, अनियमित लाइफस्टाइल जैसे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन यह स्टडी लगातार टीवी देखने वालों पर फोकस्ड था और उसमें यह तथ्य उभर कर आया कि लगातार बैठे रहने से फिर चाहे वो टेबल कुर्सी में बैठना हो या कम्प्यूटर या फिर टीवी पर इससे सेहत संबंधी विकार पैदा हो जाते हैं। शोधकर्ता डेविड डनस्टॉन के अनुसार मानव का शरीर चलने फिरने के लिए बना है लगातार बैठे रहने के लिए नहीं।

तकनीकी, सोशल और फाइनेंशियल चैंजेस का मतलब है कि मनुष्य की मांसपेशियाँ पर्याप्त काम नहीं कर रही है। प्रतिदिन जितनी एनर्जी खर्च होनी चाहिए वह नहीं होने से आयु भी कम हो रही है। डनस्टॉन के मुताबिक यह बातें सिर्फ ज्यादा वजन वाले या मोटे लोगों पर ही लागू नहीं है, बल्कि स्वस्थ युवाओं के लिए भी है।
स्वस्थ व्यक्ति के भी लगातार बैठे रहने से उसके शुगर फैट्स और ब्लड फैट्स पर बुरा असर पड़ता है। इस रिसर्च में 25 वर्ष और अधिक आयु के 3846 युवा और 4954 युवा महिलाओं का ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट किया गया और उनके ब्लड टेस्ट से कोलेस्ट्राल और ब्लड शुगर के लेवल की जाँच की गई। इन सभी युवाओं से उनकी टीवी देखने संबंधी आदतों की जानकारी भी ली गई।


लारा दत्ता : प्यार किया तो डरना क्या
लारा दत्ता और टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति की नजदीकियों के बारे में हमेशा चर्चा होती है, लेकिन लारा इससे साफ मुकर जाती थी। वो मेरा दोस्त है, जैसे रटे रटाए बयान वे देती थी। लेकिन लारा ने अब सोच लिया है कि प्यार किया तो डरना क्या, इसलिए पिछले दिनों वे सार्वजनिक रूप से महेश भू‍पति के साथ नजर आईं। फिल्मफेयर अवॉर्ड समारोह में दोनों कपल की तरह साथ आए और साथ बैठकर उन्होंने कार्यक्रम का आनंद लिया।
केली दोरजी से लारा का वर्षों तक रोमांस चला। ब्रेकअप के बाद डीनो से कुछ समय तक उनका नाम जोड़ा गया, लेकिन बाद में महेश भूपति, लारा की जिंदगी में आ गए।

जहाँ तक करियर का सवाल है तो ‘ब्लू’ की असफलता को लारा भूला चुकी हैं और उनकी निगाहें अब ‘हाउसफुल’ पर लगी हुई हैं। इसमें भी लारा के साथ अक्षय कुमार हैं। फिल्म से जुड़े सू‍त्रों के मुताबिक दीपिका पादुकोण और जिया खान के फिल्म में होने के बावजूद लारा उनसे ज्यादा सेक्सी फिल्म में नजर आ रही हैं।

राहुल महाजन किससे शादी करेंगे?
कौन बनेगी मिसेस महाजन?

हरप्रीत छाबड़ा, डिम्पी गाँगुली और निकुंज मलिक में से किसी एक को राहुल महाजन अपनी दुल्हनियाँ बनाने वाले हैं और निर्णय लेने के लिए उनके पास कुछ घंटों का समय शेष है।
कौन बनेगी मिसेस महाजन? उम्मीद है कि राहुल ने अब तक इसका जवाब खोज लिया होगा। ‘राहुल दुल्हनियाँ ले जाएगा’ कार्यक्रम के जरिए उन्होंने कई लड़कियों को इस कसौटी पर परखा कि क्या वे उनकी जीवन-संगिनी बनने लायक है।हरप्रीत, डिम्पी और निकुंज को राहुल ने नजदीकी से जाना। उनके घरवालों से मिले। अपने परिवार से मिलवाया। ऑन स्क्रीन पर हम वही देखते हैं जो दिखाया जाता है। ऑफ स्क्रीन भी बहुत कुछ ऐसा घटता है, जिससे राहुल को इन्हें परखने में मदद मिली होगी। आखिर राहुल किसे चुनेंगे? दिल्ली की हरप्रीत सुंदर हैं। मासूम हैं। कम उम्र में ही परिपक्व बातें करती हैं। एक सीधी लकीर पर अब तक वे चली हैं। बुराई करने और विवादों से दूर रहना उन्हें पसंद है। क्या हरप्रीत की यह सादगी से राहुल प्रभावित होंगे?
कोलकाता की डिम्पी गाँगुली बेहद चंचल है। जो दिल पर है वो उसकी जुबाँ पर है। उनका दिल एकदम साफ है। राहुल कार्यक्रम शुरू होने के पहले कह चुके हैं कि बंगाली संस्कृति और लोग उन्हें पसंद है। क्या बंगाल की डिम्पी का जादू उन पर चलेगा?
निकुंज मलिक को जो सही लगता है उसे कहने से वे घबराती नहीं हैं। कम बोलने वाली निकुंज उम्र में अन्य दोनों लड़कियों से बड़ी हैं। उनमें एक किस्म की अकड़ है। अपने विचारों को वे छिपाती नहीं हैं, व्यक्त कर देती हैं। क्या निकुंज की खामोशी के अर्थ को राहुल समझेंगे? 6 मार्च की शाम को इसका जवाब मिल जाएगा। राहुल अनेक बार कह चुके हैं कि वे राखी की तरह अपने वादे से मुकरेंगे नहीं। शादी जरूर करेंगे। चलिए, राहुल पर‍ विश्वास कर लेते हैं।

कैटरीना ने ऐश्वर्या को फिर पछाड़ा
कुछ दिनों पहले कैटरीना उस ज्वैलरी कंपनी की ब्रांड एम्बेसेडर बन गईं, जिस प्रचार ऐश्वर्या करती थीं। अब ऐश्वर्या को एक और झटका कैटरीना ने दे दिया है। एक साबुन का प्रचार ऐश्वर्या अपने पति अभिषेक के साथ करते हुए नजर आती थीं, लेकिन अब ऐश की जगह कैटरीना नजर आएँगी। उम्र और युवाओं में लोकप्रियता का फायदा कैटरीना को मिल रहा है।
कैटरीना की ऐश से कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है और न ही वे ऐश्वर्या की जगह लेने की कोशिश कर रही है, लेकिन ऐसा लगातार होने से कहा जा रहा है कि कैटरीना, ऐश्वर्या को मात देने की कोशिश कर रही हैं।
बॉर्बी डॉल को लेकर भी दोनों के बीच जो कुछ हुआ उसको लेकर खूब चर्चाएँ हुईं। इसके बाद सुंदरता या गूगल सर्च को लेकर जो सर्वेक्षण हुए उसमें भी कैटरीना का स्थान ऐश्वर्या से ऊपर रहा है।

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