सोमवार, 19 अप्रैल 2010

व्यक्तित्व

खुशबू में भीगी संभावनाएं

एक वक्त केवल अमीर लोग ही स्पा का लुत्फ उठा पाते थे। स्पा सिर्फ पांच सितारा होटलों और रिसो‌र्ट्स में उपलब्ध होते थे। लेकिन यह बात एक दशक पुरानी है। पिछले कुछ सालों में हमारे देश में स्पा इंडस्ट्री में जोरदार बढत देखी गई है और अब यह हर एक की जेब और जरूरतों पर खरी उतर रही है। इससे भी ज्यादा, अब चॉकलेट और फ्लावर स्पा ट्रीटमेंट का प्रचलन भी बढ रहा है।

कोर्स

कुछ इंस्टीट्यूट्स इससे संबंधित कोर्स भी ऑफर करते हैं। कमिट इंटरनेशनल डीएस्थेटिक एट डी कॉस्मेटोलॉजी (सीआईडीईएससीओ) और कन्फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल ब्यूटी थेरेपी ऐंड कॉस्मेटोलॉजी (सीआईबीटीएसी) से इस तरह के कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स की खासियत यह है कि इसमें ज्यादातर ट्रेनिंग जॉब के दौरान ही मिल जाती है।

पर्सनल स्किल

एक थेरेपिस्ट ज्यादातर स्पा की रीढ की हड्डी होता है और यह सलाह दी जा सकती है कि इस क्षेत्र में करियर इसी स्टेज से शुरू करना चाहिए। थेरेपिस्ट से अपेक्षा की जाती है कि उसे ह्यूमन बॉडी, स्किन कंडीशंस, हाइजीन ऐंड ब्यूटी प्रोडक्ट्स की अच्छी जानकारी हो। क्वैन स्पा, जे डब्लू मैरियट, मुंबई के मैनेजर मनौज सुवर्ण कहते हैं, हमारे क्लाइंट देश-विदेश घूमे होते हैं और हमें अपने नॉलेज और स्किल्स से उनका भरोसा जीतना होता है। अच्छे थेरेपिस्ट के लिए ट्रेनिंग और अनुभव का कॉम्बिनेशन बहुत जरूरी है।

फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स

एक आकलन के अनुसार, भारतीय स्पा इंडस्ट्री 1500 करोड रुपये की है और यह 20 प्रतिशत सालाना की दर से बढ रही है। पिछले पांच सालों में इस इंडस्ट्री में हुई जबर्दस्त बढत का कारण लोगों में वेलनेस के प्रति जागरूकता, खर्च करने की क्षमता बढना और टूरिज्म सेक्टर का फलना-फूलना है। दिल्ली में सिर्फ महिलाओं के स्पा एशियन रूट्स की फाउंडर कामायनी कंवर कहती हैं, स्वस्थ रहना और बेहतर दिखना ही आज का मंत्र है।

ाुले बेहतर रास्ते

मेडिकल स्पा के आने से ब्यूटी ट्रीटमेंट के ऑफर भी सामने आए, जिससे इस सेक्टर की वृद्धि में और भी इजाफा कर दिया है। इसी में एक है बोटोक्स इंजेक्शन, जिसे डॉक्टर की देखरेख में लिया जाता है। पेवोनिया की ट्रेनर निर्वाण श्रॉफ कहती (कहते) हैं, वे दिन खत्म हो गए, जब सिर्फ मसाज के लिए लोग स्पा जाया करते थे। आज वे लोग स्किन ट्रीटमेंट से लेकर पुनयरवन के कंप्लीट पैकेज की उम्मीद स्पा से रखते हैं। हलांकि दक्षिण के राज्य इसके मुख्य केंद्र हैं, फिर भी स्पा पूरे देश में तेजी से फैल रहे हैं। हमारे देश के छोटे-बडे शहरों में कुल लगभग 2300 स्पा हैं, जो 400 मिलियन (40 करोड) अमेरिका डॉलर का वार्षिक राजस्व इकट्ठा करते हैं।

बदला नजारा

मनोज सुवर्ण कहते हैं, सात-आठ साल पहले इस क्षेत्र में क्वालीफाइड लोगों को ढूंढना मुश्किल था। ग्रेजुएट्स तो इसमें आने से पूरी तरह न कह देते थे। लेकिन आज बहुत से कॉम्पीटेंट और एजुकेटेड युवा इस क्षेत्र में देखे जा रहे हैं। मेडिसिन में ग्रेजुएट सुवर्ण ने अपना करियर टीचर के रूप में शुरू किया था, लेकिन जल्दी ही इस इंडस्ट्री में आकर उन्होंने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा। वह कहते हैं, डॉक्टर होने का फायदा यह है कि यह फील्ड पूरी तरह ह्यूमन बॉडी के बारे में ही है। जब स्टाफ को ट्रेनिंग देने की बात आती है, तो हम एक एक्सपर्ट के प्वाइंट ऑफ व्यू से ह्यूमन एनाटोमी पर डिस्कस कर सकते हैं।

करियर ऑप्शंस

स्पा मैनेजर : इनकी जॉब प्रोफाइल में स्टाफ को ट्रेनिंग देना और एकाउंट्स व ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट को हैंडल करना होता है। मैनेजमेंट या मेडिसिन की पढाई इसमें मदद करती है। स्पा मैनेजर के लिए स्पेसिफिक कोर्सेज भी हैं। थेरेपिस्ट : सीआईडीईएससीओ या सीआईबीटीएसी कोर्सेज शुरुआती आधार देते हैं, लेकिन मुख्य ट्रेनिंग तो जॉब ही है। थेरेपिस्ट बाद में स्पा मैनेजर या कन्सल्टेंट बन सकता है। ब्यूटीशियन और मेकअप आर्टिस्ट इस इंडस्ट्री में एक और महत्वपूर्ण कडी होते हैं। इस क्षेत्र में शुरुआत के लिए ब्यूटी ऐंड एस्थेटिक्स का कोर्स कर लेना पर्याप्त है। कई स्पा अब फुल टाइम फिटनेस इंस्ट्रक्टर, डायटीशियंस, डर्मटोलॉजिस्ट और कॉस्मेटोलॉजिस्ट्स को भी रखने लगे हैं। शुरुआती सैलरी 8000 से 15000 प्रतिमाह हो सकती है। यहां से शुरू करके आप स्पा मैनेजर या कंसल्टेंट बन सकते हैं।

आईटीजी

स्किन और मेकअप में मेरी रुचि हमेशा से रही है। इसी वजह से मैं इस करियर में आया। मैं और मेरी बहन ने शहनाज हुसैन से ट्रेनिंग ली। उनसे ट्रेनिंग लेने वाले हम दोनों पहले थे। यह करीब तीन दशक पुरानी बात है, जब संभावनाएं बहुत सीमित थीं। अब यह प्रोफेशन बहुआयामी हो गया है। सैलरीज और प‌र्क्स अच्छे हैं। कल्पना कीजिए आप आरामदायक माहौल में धीमे मधुर संगीत के साथ किसी जगह काम कर रहे हैं..। अगर आपको ब्यूटी में इंटरेस्ट है और लोगों से मिलना-जुलना आपको भाता है, तो यह क्षेत्र आपका स्वागत करेगा। युवाओं की संख्या इस क्षेत्र में बढती हुई देखी जा सकती है। वहीं स्पेशलाइजेशंस बढने के कारण संभावनाएं भी असंख्य हो गई है। आप स्किन कन्सल्टेंट, हेयर स्टाइलिस्ट, थेरेपिस्ट या ट्रेनर कुछ भी बन सकते हैं। ट्रेनर का काम स्टाफ को स्किन, तमाम प्रोडक्ट्स के प्रयोग, क्लाइंट हैंडलिंग वगैरह सिखाना होता है। ज्यादातर ट्रेनिंग तो जॉब के दौरान ही मिलती है। स्किल्स के अलावा यहां पेशेंस की भी बहुत जरूरत होती है।

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