शुक्रवार, 2 अप्रैल 2010

गीत-गंगा

न जाने कौन ये आवाज देता है...
देखा जाए तो सी. अर्जुन मात्र इस एक गीत के कारण कालजयी माने जा सकते हैं, जिसका मुखड़ा हमने इस आलेख के शीर्षक के रूप में दिया है। ऐसा बहुत कम होता है कि किसी गीत में काव्यात्मक गुणवत्ता, धुन की मिठास और विलक्षणता, संगीत की उदात्त योजना और गायन की खपसूरती सभी कुछ अव्वल दर्जे का हो। इस गीत में इंदीवर की कलम जो चमत्कार करती है। वैसा ही चमत्कार अर्जुन की धुन और आशा का गायन भी करते हैं। सब तरफ से पुष्ट, परिपूर्ण और अनोखेपन की हद को छूता गीत है यह!

नैनों में प्यार डोले दिल का करार डोले.....
पानी से बहते कोमल फ्लो में जब लता 'पिया' शब्द को उठाती हैं तो मन एक साथ बीजगुप्त और देवदास हो जाता है। समझ नहीं आता, लता को प्यार किया जाए या उस पात्र को जिसे लता गढ़ती हैं। इस गीत ने परदे पर नलिनी जयवंत के सौंदर्य को भी सात्विक बना दिया था और हमारी कामुकता पर गंगाजल से गीली दस्ती फेर दी थी। लता की यही देन है देश को, कि उन्होंने अपने गायन द्वारा पावनता का माहौल गढ़ा। यह दिव्य शुचिता न आशा में आई, न गीता में और न लता की सीनियर नूरजहाँ में! लता के गीत नारीदेह बन जाते!

चाँद आहें भरेगा फूल दिल थाम लेंगे...
मुकेश की गंभीर, दानेदार और निर्मल आवाज वीराने में, झुलसे फूलों की लड़ी, खड़ी करती जाती है, जबकि गीत का अर्थ और धुन हर्ष की माँग करते हैं। यानी इस 'अदरवाइज रोमांटिक' गीत में मुकेश की टीसभरी गायिकी प्रफुल्लता के बजाय उदासी का माहौल गढ़ती है। ...और ऐसा इसलिए कि अलभ्य और अनुपम सौंदर्य (किसी नारी का) तटस्थीभूत प्रेमी में खुशी के बजाय सहर्ष स्वीकारी हुई वेदना को ही सघन करता है।

होऽऽऽ धन्नो की आँखों में, हाँ, रात का सुरमा...
'धन्नो की आँखों में' गीत फिल्म 'किताब' का है। 'किताब' सन्‌ 78 की फिल्म है। इस गीत की धुन और वाद्य संगीत इतना अनोखा, कल्पनाप्रधान और दिल को छू जाने वाला है कि... आप इस अहसास से गुजरते हैं... कि न ऐसी धुन पहले कभी सुनी और न ऐसा विचित्र गीत पहले कभी पढ़ा। 'विलक्षण'- बस एक यही शब्द कहा जा सकता है इस गीत के सभी पहलुओं के बारे में। ...गीत को स्वयं इसके संगीतकार आर.डी. बर्मन ने गाया है। धुन और गायन दोनों में फेंटसी का टच है। एक अजीब ढंग से गाया गया यह गीत... किसी अन्य लोक में खड़े ऐसे बूढ़े का अहसास कराता है... जो, पहाड़ की चोटी पर खड़ा होकर, चर्खी (मेले वगैरह में खिलौने वालों के पास मिलने वाला बच्चों का एक खिलौना, जिसे गोल-गोल घुमाने पर मिट्ठू के चीखने जैसी आवाज आती है) घुमाते हुए, रहस्य पुरुष की तरह, यह गीत गा रहा है और अदृश्य बालक उसकी गोद में है।

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